Saturday 14 January 2017

Kai Khelya Kai Khelasi | कई खेल्या कई खेलसी कई खेल सिधारया ए

इण आंगणियै मे ए। कई खेल्या कई खेलसी। कई खेल सिधारया ए ॥टेर॥

आवो पाँच सहेलियो म्हारा सीम दो न चोला ए। मै हूँ अबला सूंदरी, मेरा सहिब भोला ए॥1


एक छिनौला, दूजी कूबड़ी, तीजी नाजुक छोटी ए। नैण हमारा यूँ झरे ज्यों गागर फूटी ए॥2


जाय उतारै हरिये बड़ तलै, संगी कुरलाया ए। थे घर जाओ भैणा आपणै, म्हे भया पराया ए॥3


काजी तो महमद यूँ कया अब यहाँ नहीं रहणा ए। आया परवाना श्याम का, सखी यहाँ से चलणा ए॥4




3 comments:

  1. Jhino Jhino Kajro Bhajan bhi post kijiye

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  2. Jhino Jhino Kajro Bhajan bhi post kijiye

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  3. Nipje nipje re bera nath ji bhajan ke lyrics bhi bhejiye ji

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