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आज बचादे म्हारो बीर, हनुमान पियारा आज बचादे मेरा बीर।
अंजनी के लाला, आज बचादे मेरा बीर।
बाण लग्यो लिछमण के तनमें , मूरछा खाई पड़यो धरणी मे ।
लक्ष्मण भैया सो गये रणमें , तन में लाग्यो बांके तीर ॥ 1 ॥
हनुमान पियारा आज बचादे मेरा बीर..
लक्ष्मण भैया सो गये रणमें , तन में लाग्यो बांके तीर ॥ 1 ॥
हनुमान पियारा आज बचादे मेरा बीर..
घर जाऊँ तो पूछे माता , कहाँ छोड़ा तेरा लक्ष्मण भ्राता ।
ऐसा दुःख सहा नहीं जाता , कौन बंधावे मोहे धीर ॥ 2 ॥
हनुमान पियारा आज बचादे मेरा बीर......
ऐसा दुःख सहा नहीं जाता , कौन बंधावे मोहे धीर ॥ 2 ॥
हनुमान पियारा आज बचादे मेरा बीर......
जे संग होता भरतजी भ्राता , लक्ष्मण का प्राण बचाता ।
यह दुःख मेरा तुरत गमाता , नैनासुँ ढ़ल आयो नीर ॥ 3 ॥
हनुमान पियारा आज बचादे मेरा बीर......
यह दुःख मेरा तुरत गमाता , नैनासुँ ढ़ल आयो नीर ॥ 3 ॥
हनुमान पियारा आज बचादे मेरा बीर......
हनुमान सरजीवण लाया , लक्ष्मण का प्राण बचाया ।
"सुखीराम" भाषा मे सुनाया,खुशी भये रधुवीर।।4।।
हनुमान पियारा आज बचादे मेरा बीर......
"सुखीराम" भाषा मे सुनाया,खुशी भये रधुवीर।।4।।
हनुमान पियारा आज बचादे मेरा बीर......
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