Thursday 2 February 2017

Kya Sove Sukh Neend Musafir | क्या सोव सुख नींद मुसाफिर


क्या सोव सुख नींद मुसाफिर
क्या सोव सुख नींद मुसाफिर
राम नाम का सुमरण करले हरी का ध्यान हिरदे बीच धरले
साधो भाई र छोड़ कपट का जंजाल कटेगी तेरी चोरासी रे
आगे आगे आव ठगा की नगरी खोस लेवगा हीरा की गांठडी
साधो भाई रे वह चोरन का है गाँव न्याय तेरो कुण करसी रे
गगन मण्डल वीच उरदमुख कुआ रे सब साधन मिल प्रसन होया रे
साधो भाई रे लंग ज्या तरबिन्या के घाट उतर मल मल नहा ले रे
नाथ गुलाब गुरु पूरा पाया रे जाल जुलम सब दूर हटाया रे
साधु भाई रे गुण गावे भानीनाथ गुरूजी ल्याया रंग बूंटी रे

बोल नाथ जी महाराज की जय
Song:

Kya Sove Sukh Neend Musafir | क्या सोव सुख नींद मुसाफिर

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