कोई पीवो राम रस प्यासा
कोई पीवो राम रस प्यासा, कोई पीवो राम रस प्यासा।
गगन मण्डल में अली झरत है, उनमुन के घर बासा॥टेर॥
शीश उतार धरै गुरु आगे, करै न तन की आशा।
एसा मँहगा अमी बीकर है, छः ऋतु बारह मासा॥1॥
मोल करे सो छीके दूर से, तोलत छूटे बासा।
जो पीवे सो जुग जुग जीवे, कब हूँ न होय बिनासा॥2॥
एंही रस काज भये नृप योगी, छोडया भोग बिलासा।
सहज सिंहासन बैठे रहता, भस्ती रमाते उदासा॥3॥
गोरखनाथ, भरथरी पिया, सो ही कबीर अम्यासा।
गुरु दादू परताप कछुयक पाया सुन्दर दासा॥4॥
Song:
कोई पीवो राम रस प्यासा l Koi Piyo Ram Ras Pyasa
श्री दादू वाणी का भजन हे ये नाथ वाणी का नही
ReplyDeleteSahi h
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Deleteहोगा, किन्तु आपने ये पंक्ति नहीं सुनी "गोरखनाथ भरथरी पिया सो ही कबीर अम्यासा" धन्यवाद ।
DeleteM tera rang rachi mera sawra lyrics bhai please jaldi se jaldi page pe dalo
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