Sunday 11 June 2017

सतगुरु पुरा म्हाने मिल्या है सुमरतां | Satguru Pura Mhane Milya Hai Sumarta


सतगुरु पुरा म्हाने मिल्या है सुमरतां, पियाजी री छतरी बताओ जी॥टेर॥


कहाँ सेती तुम चलकर आया रे, कुण थाने रस्ता बताया जी, कहाँ तेरा स्थान कहीजै रे, सो मोहे दरसाओ जी॥1॥


नाम नगर से चलकर आया रे, सतगुरु रस्ता बताया, भवसागरिये मे तीरना उपर, पकड़ भुजा सतगुरु ल्याया॥2॥

चढ़ छतरी पर मगन भया है रे, भँवर कुसाली पे आया, सात सखी रल मंगल गावै, जमड़ा देखत रोया॥3॥ 

नवलनाथ जोगी पुरा म्हाने मिलिया, रब का रस्ता बताया, भणत कमाल नवल थारे शरणे, बैठ तन्दूरे पे गाया॥4॥

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